- 27 Dec 2022
- Chetan Tiwari
पà¥à¤°à¤¾à¤£ के पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°
आज का विषय:- शरीर में पà¥à¤°à¤¾à¤£ का अरà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ महतà¥à¤µ
पंच ततà¥à¤µà¥‹à¤‚ में से à¤à¤• पà¥à¤°à¤®à¥à¤– ततà¥à¤µ वायॠहमारे शरीर को जीवित रखता है और वात के रूप में शरीर के तीन दोषों में से à¤à¤• दोष है, जो शà¥à¤µà¤¾à¤¸ के रूप में हमारा पà¥à¤°à¤¾à¤£ है।
पितà¥à¤¤, कफ, देह की अनà¥à¤¯ धातà¥à¤à¤ तथा मल - ये सब पंगॠहैं, अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ ये सà¤à¥€ शरीर में à¤à¤• सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ से दूसरे सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ तक सà¥à¤µà¤¯à¤‚ नहीं जा सकते।इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वायॠही जहाठ- तहाठले जाता है, जैसे आकाश में वायॠबादलों को इधर उधर ले जाता है।अतà¤à¤µ इन तीनो दोषों - वात, पितà¥à¤¤ à¤à¤µà¤‚ कफ में वात (वायà¥) ही बलवान है; कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वह सब धातà¥,मल आदि का विà¤à¤¾à¤— करने वाला और कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤¶à¥€à¤²à¤¤à¤¾ से यà¥à¤•à¥à¤¤, सूकà¥à¤·à¥à¤® अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤ समसà¥à¤¤ शरीर के सूकà¥à¤·à¥à¤® छिदà¥à¤°à¥‹à¤‚ में पà¥à¤°à¤µà¥‡à¤¶ करने वाला , शीतल, रूखा, हलà¥à¤•à¤¾ और चंचल है।
उपनिषदों में पà¥à¤°à¤¾à¤£ को बà¥à¤°à¤¹à¥à¤® कहा गया है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ शरीर के कण कण में वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¥à¤¤ है, शरीर के करà¥à¤®à¥‡à¤¨à¥à¤¦à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ तो सो à¤à¥€ जाते है, विशà¥à¤°à¤¾à¤® कर लेते है, किनà¥à¤¤à¥ यह पà¥à¤°à¤¾à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ कà¤à¥€ à¤à¥€ न तो सोती है , न ही विशà¥à¤°à¤¾à¤® करती है। रात दिन अनवरत रूप में कारà¥à¤¯ करती ही रहती है,चलती ही रहती है। जब तक पà¥à¤°à¤¾à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ चलती रहती है,तà¤à¥€ तक पà¥à¤°à¤¾à¤£à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की आयॠरहती है। जब यह इस शरीर में काम करना बंद कर देती है, तब आयॠसमापà¥à¤¤ हो जाती है। पà¥à¤°à¤¾à¤£ जब तक कारà¥à¤¯ करते रहते हैं, तà¤à¥€ तक जीवन है,पà¥à¤°à¤¾à¤£à¥€ तà¤à¥€ तक जीवित कहलाता हैं। पà¥à¤°à¤¾à¤£ शकà¥à¤¤à¤¿ के कारà¥à¤¯ बंद करने पर मृतक कहलाने लगता है शरीर में पà¥à¤°à¤¾à¤£ ही तो सब कà¥à¤› हैं।
पà¥à¤°à¤¾à¤£ के कारण ही पिंड (देह) तथा बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾à¤‚ड की सतà¥à¤¤à¤¾ है।
शेष अगले à¤à¤¾à¤— में
धनà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¦
चेतन तिवारी मो0 9389697206
(योग पà¥à¤°à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤•)